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क्या मध्य प्रदेश पत्रकारों के लिए यातनागृह बनता जा रहा है? क्या सूबे में सुरक्षित नहीं हैं पत्रकार?

क्या मध्य प्रदेश पत्रकारों के लिए यातनागृह बनाता जा रहा है? क्या सूबे में सुरक्षित नहीं हैं पत्रकार? ये सवाल इसलिए क्योंकि आए दिन मध्य प्रदेश में पत्रकारों की पिटाई

डेस्क |

क्या मध्य प्रदेश पत्रकारों के लिए यातनागृह बनाता जा रहा है? क्या सूबे में सुरक्षित नहीं हैं पत्रकार? ये सवाल इसलिए क्योंकि आए दिन मध्य प्रदेश में पत्रकारों की पिटाई की घटनाएं सामने आ रही हैं. ताजा घटनाक्रम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित बंसल अस्पताल में पेश आया है. यहां अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड्स ने टाइम्स नाऊ चैनल के पत्रकार गोविंद गुर्जर की बेरहमी से पिटाई कर डाली. मारपीट में पत्रकार को गंभीर चोटें आई हैं.

जानकारी के अनुसार टाइम नाऊ के पत्रकार गोविंद गुर्जर की पत्नी और बच्चे को कार हादसे में गंभीर चोटें आई हैं. सड़क हादसे में घायल पत्रकार के परिजनों को शिवराज सिंह चौहान के स्टाफ ने बंसल हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. बताया जा रहा है कि वे अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने गए थे. इसी दौरान वहां मौजूद गार्ड्स ने बदतमीजी करते हुए उन पर हमला कर दिया. इससे गोविंद के चेहरे और सिर में चोटें आई हैं.

बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश के सिधी जिले में एक साथ 8 पत्रकारों को थाने के भीतर निर्वस्त्र करने का मामला सामने आया था. इस घटनाक्रम की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसमें एक स्थानीय यूट्यूब के पत्रकार कनिष्क तिवारी भी नजर आए थे. तिवारी के मुताबिक उन्हें अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब वे एक थिएटर कलाकार नीरज कुंदर के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिस थाने गए थे. कुंदर को बीजेपी विधायक और उनके बेटे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

अब सवाल ये है कि क्या शिवराज सरकार में पत्रकारों सुरक्षित नहीं है. सवास ये भी है कि ऐसी घटनाओं को लेकर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कितने गंभीर हैं. अगर ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहीं तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा कौन करेगा? कौन जनता से जुड़े मुद्दों को उठाएगा?