इसरो ने धरती की निगरानी और मैप सैटलाइट कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के 13 नैनो सैटलाइट्स PSLV c47 से लॉन्च कर दिया गया। लॉन्च के 17 मिनट बाद PSLV c47 ने कार्टोसैट को उसके ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया है। साथ ही 13 अमेरिकी नैनो सैटलाइट्स को भी ऑर्बिट में प्रक्षेपित कर दिया गया। इसरो ने आज सुबह 9:28 मिनट पर कार्टोसैट-3 को लॉन्च किया।
इस बडे अवसर पर इसरो चीफ के. सिवन श्रीहरिकोटा मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में मौजूद रहे। उनके साथ मिशन के इंजिनियर्स और इसरो के टॉप साइंटिस्ट मौजूद हैं। कार्टोसैट-3 को भारत की आंख भी कहा जा रहा है, क्योंकि इससे बड़े स्तर पर मैपिंग की जा सकेगी जिससे शहरों की प्लानिंग और ग्रामीण इलाकों के संसाधनों का प्रबंधन भी किया जा सकेगा।
मुख्य डॉ. के सिवन ने कहा कि मुझे खुशी है कि पीएसएलवी-सी 47 ने 13 अन्य उपग्रहों के साथ कक्षा में सटीक इंजेक्शन यानि निशाना लगाया। कार्टोसैट-3 उच्चतम रिज़ॉल्यूशन वाला नागरिक उपग्रह है। उन्होंने कहा कि हमारे पास मार्च तक के 13 मिशन हैं जिनमें 6 बड़े वाहन मिशन और 7 सैटेलाइट मिशन हैं।
क्या है कार्टोसैट-3
यह कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटलाइट है, जिसे चेन्नै से 120 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सेकंड लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। पीएसएलवी कार्टोसैट-3 को 509 किलोमीटर के पोलर सन-सिन्क्रनस ऑर्बिट में और अमेरिकी सैटलाइट्स को लॉन्च के 27 मिनट बाद ही प्रक्षेपित करेगा। इसरो ने मंगलवार को बताया था कि पीएसएलवी-सी47 अभियान के लॉन्च के लिए श्रीहरिकोटा में मंगलवार सुबह 7: 28 मिनट पर 26 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी। पीएसएलवी-सी47 की यह 49वीं उड़ान है जो कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के कमर्शल मकसद वाले 13 छोटे उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा।