फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत आजादी भीख में मिलने का बयान देकर विवादों में घिर गई हैं। अब कंगना ने कहा है कि अगर वह गलत साबित होती हैं तो पद्मश्री अवॉर्ड लौटा देंगी। कंगना ने अपने बचाव में जो तर्क दिया है, वह और भी चौंकाने वाला है। कंगना ने भीख में मिली आजादी वाले अपने बयान को डिफेंड किया है। कंगना ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी साझा की है और अपना पक्ष रखा है।
कंगना ने 1948 के एक दस्तावेज की तस्वीर साझा की है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के हस्ताक्षर हैं जिसमें वह पश्चिम बंगाल के गवर्नर श्री राजागोपालचारी को भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त करने की बात कर रहे हैं। कंगना ने तंज कसते हुए लिखा कि, ‘मैंने इस आजादी की लड़ाई का अपमान किया है जहां भारत के प्रभुत्व में सत्ता के बदलाव की बात हो रही है’।
कंगना ने अपना पक्ष रखते हुए लिखा कि, ‘1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों के बलिदान के साथ शुरू हुई। 1857 की लड़ाई मुझे पता है, लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है। अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी। कृपया इसमें मेरी मदद करें’।
बता दें, सोशल मीडिया पर फैंस कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KanganaRanautDeshdrohi टॉप ट्रेंडिंग में बना हुआ है। उनपर कई केस दर्ज हो चुके हैं। कंगना ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी’ 2014 में मिली थी।