करतारपुर कॉरिडोर से जुड़े अन्य मुद्दों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए भारत-पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच दूसरे दौर की बैठक वाघा बॉर्डर पर खत्म हो गई है। रविवार सुबह इस बैठक में भाग लेने के लिए भारत और पाक के प्रतिनिधिमंडल वाघा बार्डर पहुंचे थे। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष मोहम्मद फैसल ने कहा कि इस बैठक में 80 फीसदी मामलों में सहमति बन गई है। बाकी बचे मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए एक और बैठक हो सकती है।
इसके अलावा भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी तरफ इसी तरह का एक पुल बनाने का अनुरोध किया है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवाजाही मुहैया करेगा और बाढ़ से जुड़ी चिंताओं का हल करेगा। यह पुल एक क्रीक यानि जल धारा के ऊपर है जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है। पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल की अध्यक्षता में 20 अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। बैठक में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन कार्यक्रम की तारीख पर भी चर्चा हुई। पाकिस्तान की तरफ से प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा कि प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन की अनुमति, गुरुपर्वों और विशेष ऐतिहासिक मौकों पर 10 हजार श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा साहिब के दर्शन की मांग की गई है। बैठक में श्रद्धालुओं की एंट्री फीस पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आश्वासन दिया गया कि इस यात्रा के आड़ में भारत विरोधी कोई भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।