सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का विवादित बयान आया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि पूजा करने के अधिकार का यह मतलब नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार प्राप्त है। उदाहरण देते हुए मंत्री ने कहा कि जब क्या आप खून से लथपथ पैड लेकर अपने दोस्त के घर जाना पसंद नहीं करते तो भगवान के घर पर क्यों…??
स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोलने वाली कोई नहीं हूं, क्योंकि मैं एक कैबिनेट मंत्री हूं। मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। यही फर्क है कि हमें इसे पहचानने और सम्मान करने की जरूरत है।''
ग़ौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने खेद जताते हुए महिलाओं की एंट्री बहाल कर दी गई है। लेकिन महिलाओं के प्रवेश में अभी भी रोक लगाई जा रही है। वरिष्ठ लोगों की मानें तो यहां महिलाओं को पीरियड्स ऐज के दौरान मंदिर में आने नहीं दिया जाता था। इसी बीच मंत्री का बयान काफी अटपटा है।