<p>Chandrayaan 2 मिशन के लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क स्थापित करने का इसरो के पास आज अंतिम मौका है। चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर जहां लैंडर मौजूद है, वहां अंधेरा होना शुरू हो चुका है। आज देर रात तक इस अभियान का सबसे महत्वपूर्ण पल एक लूनर डे समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही लैंडर से दोबारा संपर्क होने की संभावनाएं भी लगभग खत्म हो जाएंगी।</p>
<p>हालांकि, इससे पहले नासा की तरफ से एक खुशखबरी आई है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के बाद, नासा के यान ने भी तीन दिन पहले लैंडर विक्रम की लैंडिंग साइट की तस्वीरें ली हैं। नासा का यान 17 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव के ऊपर, उस जगह से गुजरा था, जहां विक्रम को लैंड करना था। यहां से गुजरते हुए नासा के यान ने कई तस्वीरें ली हैं। नासा वैज्ञानिक इन तस्वीरों का अध्यय कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इन तस्वीरों के अध्ययन से कई अहम जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं।</p>
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