सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या जमीन विवाद की सुनवाई जारी है। रामलला की ओर से वकील के. परासरन अपना पक्ष रख रहे हैं। परासरन ने एक श्लोक- 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादिप गरीयसि' श्लोक का हवाला देते हुए कहा कि जन्मभूमि बहुत महत्वपूर्ण होती है। राम जन्मस्थान का मतलब है एक ऐसा क्षेत्र जहां सभी की आस्था और विश्वास है।
उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह का विवाद नहीं कि यह भगवान राम का जन्मस्थान है। हिंदू-मुस्लिम दोनों ही इसे विवादित जन्मस्थान क्षेत्र ही कहते हैं। जन्मस्थान एक निश्चित जगह नहीं बल्कि उसके आसपास का क्षेत्र भी होता है। पूरा क्षेत्र ‘जन्मस्थान’ कहलाता है। मामले की सुनवाई मंगलवार से ही प्रतिदिन हो रही है। आज इस हफ्ते की आखिरी सुनवाई है। बुधवार को इस मामले में निर्मोही अखाड़े की ओर से दलीलें पेश की गई थी। कोर्ट ने अखाड़े से कई दस्तावेज मांगे जिसके लिए उसके वकील ने कहा कि डकैती में सारे कागजात खो गए।
रामलला की ओर से वकील के. परासरन ने आगे कहा कि इतने साल बाद आप कैसे साबित करेंगे कि राम का जन्म यहीं हुआ, यह आस्था की बात है। ऐतिहासिक साक्ष्य देते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में भी तब की अदालत ने एक फैसले में वहां बाबर की बनाई मस्जिद और जन्मस्थान मंदिर का जिक्र किया है।