पंजाब के लुधियाना की जिला अदालत में गुरुवार को हुए विस्फोट में कथित रूप से खालिस्तान समर्थक समूहों की संलिप्तता सामने आई है. खुफिया एजेंसियों को पुख्ता जानकारी मिली है कि इस धमाके में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस समर्थित खालिस्तानी समूह शामिल है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने ग्राउंड वर्कर्स को निर्देश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि इस तरह के कई और कोशिशों को राज्य पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में नाकाम किया जा चुका है.
लुधियाना की जिला अदालत परिसर में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य लोग घायल हो गए. इसके बाद पंजाब सरकार ने राज्य भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी एक पत्र में पंजाब सरकार से घटना का ब्योरा देते हुए रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने को कहा है. पुलिस ने बताया कि कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल पर बने शौचालय में विस्फोट हुआ था, उस समय कोर्ट की कार्यवाही चल रही थी.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए बम विस्फोट मामले की जांच कर उसके कारणों का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है. मुख्यमंत्री ने विस्फोट के मद्देनजर खुफिया तंत्रों के विफल होने की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं है. हम पूरी तरह से सतर्क हैं.” चन्नी ने गुरुवार को आशंका जताई थी कि विस्फोट राज्य में अराजकता पैदा करने का प्रयास हो सकता है, जहां आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं.
गृह मंत्रालय ने हाल ही में अलर्ट किया था कि पंजाब में धार्मिक भावनाओं को भड़काने की नापाक योजना “देश विरोधी” तत्वों द्वारा की जा रही है. केंद्र सरकार ने पंजाब के तमाम धार्मिक स्थलों, डेरों, मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया था. पिछले 5 महीनों में पंजाब पुलिस ने भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे शहरों में 7 टिफिन बम और 10 से ज्यादा हैंड ग्रेनेड बरामद किए हैं.