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1 अप्रैल से बदल रहे हैं बहुत से नियम, जानिए क्या होंने जा रहे हैं बदलाव..

समाचार फर्स्ट |

1 अप्रैल ने नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है, जिसमें बहुत कुछ बदलने वाला है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया था। जिसमें उन्होंने कई नई घोषणाएं और कई नई सुविधाएं शुरू करने का ऐलान किया था। इनमें से बहुत सी घोषणाएं 1 अप्रैल से लागू हो रही हैं, जबकि कई पुरानी सेवाएं इसी दिन से बंद भी हो जाएंगी। इनकम टैक्स के साथ-साथ हम आपको उन सुविधाओं के बारे में बता रहे हैं, जिनका आपके जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।

ये होंगे बदलाव…

  • बजट में ई-रेलवे टिकट पर सर्विस चार्ज घटाने का ऐलान हुआ था। इस तरह 1 अप्रैल से ऑनलाइन टिकट बुकिंग सस्ती हो जाएगी।
  • एक्साइज ड्यूटी घटने से इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के दाम कम होंगे। इसके अलावा पीओएस मशीनें, फिंगर स्कैनर, माइक्रो एटीएम, आरओ, मोबाइल चार्जर, देश में तैयार हीरे, टाइल्स, तैयार लेदर प्रॉडक्ट्स, नमक, जीवनरक्षक दवाएं, माचिस, एलईडी, एचआईवी की दवा, सिल्वर फॉइल, सीएनजी सिस्टम भी सस्ती हो जाएंगी।
  • नए वित्तीय वर्ष में डियोडरेंट्स, रूम फ्रैशनर, परफ्यूम, आफ्टर शेव, स्मार्ट वॉच फुटवियर और धूप के चश्मे के दाम बढऩे वाले हैं।
  • सिगरेट, सिगरेट लाइटर, पान मसाला, जर्दा, खैनी और सिगार के दाम बढ़ जाएंगे।
  • 1 अप्रैल से इनकम टैक्स पर हेल्थ और एजूकेशन सेस 1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ लागू होगा। बजट में इसे 3 से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया था।
  • सैलरीड क्लास के लोगों को 40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। यानी आपकी सैलरी से 40,000 रुपए की सीमा छोड़कर बाकी पर इनकम टैक्स लगेगा।
  • सीनियर सिटीजन्स को पोस्ट ऑफिस और बैंकों से मिले 50,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा।
  • जो लोग शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं, उन्हें 1 अप्रैल से शेयर बाजार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में किए निवेश पर 1 साल में 1 लाख रुपए से ज्यादा का फायदा होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
  • ई-वे बिल लागू हो सकता है। राज्यों के बीच 50,000 रुपए से अधिक मूल्य के वस्तुओं की ढुलाई के लिए ई-वे यानी इलेक्ट्रानिक वे बिल की जरूरत होगी। ट्रांसपोर्टर को जीएसटी से ई वे बिल लेना होगा। हालांकि यह बिल व्यवस्था पहले भी टल चुकी है।
  • बजट में कई ऐसे प्रावधान भी नए वित्तीय वर्ष में लागू होंगे, जिनका फायदा गरीब तबके पर पड़ेगा। जैसे – आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत गरीबों के इलाज के लिए 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं टीबी रोगियों के लिए भी सरकार 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी।