कृषि कानून वापसी को लेकर किए गए आंदोलन में हुई किसानों की मौत और मुआवजे को लेकर सरकार ने मंगलवार को संसद में जवाब दिया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार के पास किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों और दर्ज मामलों की जानकारी नहीं है. ऐसे में किसी को वित्तीय सहायता यानी मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में लोकसभा में ये लिखित जवाब दिया है. संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार के पास आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई आंकड़ा है और क्या सरकार उनके परिजनों को वित्तीय सहायता देने की सोच रही है? इसके जवाब में कृषि मंत्री का ये जवाब आया है. उन्होंने सदन को ये भी बताया कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ 11 राउंड की बातचीत की थी लेकिन बात नहीं बनी.
उधर, किसान संगठनों का दावा है कि आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है. बता दें कि 11 दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था और किसानों से इसके लिए माफी मांगी थी.
संसद के विंटर सेशन के तीसरे दिन दोनों सदनों में कार्यवाही की शुरुआत काफी हंगामेदार रही. विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. कुछ समय बाद ही लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. 12 बजे के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई लेकिन विपक्षी नेताओं का हंगामा नहीं थमा. फिर राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल भड़के हुए हैं. विपक्ष निलंबन रद्द करने की मांग कर रहा है. सभापति ने निलंबित सांसदों से माफी मांगने पर फैसला वापस लेने की बात कही है लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है. उधर सपा सांसद जया बच्चन ने धरने पर बैठे सांसदों को चॉकलेट और बिस्कुट बांटे. उन्होंने कहा कि एनर्जी के लिए बहुत जरूरी है जिससे आप लोग सरकार के खिलाफ धरना दे सकें.