Shimla: हिमाचल प्रदेश में उठे ‘टॉयलेट टैक्स’ विवाद ने राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। जहां एक ओर इस टैक्स को लेकर विपक्ष हमलावर है, वहीं प्रदेश सरकार को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे शर्मनाक बता चुकी हैं। वहीं, शुक्रवार हिमाचल के बिलासपुर पहुंचे भाजपा के नेशनल अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस सरकार पर तीखे करते हुए कह चुके हैं कि कांंग्रेस की मति भ्रष्ट हो चुकी है। जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी सरकार इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश में जुटी है। जानें क्या है हरियाणा चुनावों से ठीक पहले हिमाचल का ‘टॉयलेट टैक्स’ विवाद, जो सियासी संग्राम में तब्दील हो चुका है…….
Unbelievable, if true!
Whilst PM @narendramodi ji, builds Swachhata as a people’s movement, here is @INCIndia taxing people for toilets! Shame that they didn’t provide good sanitation during their time, but this step will shame the country! https://t.co/EPTmOmyufM— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) October 4, 2024
निर्मला सीतारमण ने किया ‘टॉयलेट टैक्स’ पर हमला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर इसे ‘अविश्वसनीय’ और ‘शर्मनाक’ करार दिया। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन बनाया, और यहां कांग्रेस सरकार लोगों से टॉयलेट के लिए टैक्स वसूल रही है। यह न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए शर्मनाक है।” निर्मला ने अपने इस बयान के साथ एक समाचार को टैग करते हुए सुक्खू सरकार की कड़ी आलोचना की।
बिलासपुर: टॉयलेट सीट पर टैक्स को लेकर जेपी नड्डा ने सुक्खू सरकार को घेरा pic.twitter.com/bEHgYYQ8uQ
— Samachar First (@samacharfirst) October 4, 2024
जेपी नड्डा का सुक्खू सरकार पर तीखा प्रहार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। बिलासपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, “यह सरकार की मति भ्रष्ट हो गई है। उन्हें अब टॉयलेट पर भी टैक्स लगाना पड़ रहा है।” उन्होंने इसे कांग्रेस की नीतियों का नतीजा बताया और कहा कि यह कदम हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है।
टॉयलेट सीट पर टैक्स की खबरों पर क्या बोले मुख्यमंत्री सुक्खू? सुनिए… pic.twitter.com/lYt4XffpY3
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सुक्खू सरकार की सफाई: ‘टॉयलेट टैक्स’ नहीं, बल्कि पानी के बिल पर फैसला
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार ने किसी भी प्रकार का ‘टॉयलेट टैक्स’ नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले पांच हजार करोड़ की ‘रेवड़ियां’ बांटी थी, जिसमें मुफ्त पानी भी शामिल था। “हमने सिर्फ 100 रुपये प्रति परिवार पानी के बिल का निर्णय लिया है। यह ‘टॉयलेट टैक्स’ का मामला नहीं है, बल्कि पानी की उचित दर तय करने का मुद्दा है,” सुक्खू ने कहा। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का मानना है कि भाजपा इस मुद्दे को तूल देकर आगामी हरियाणा चुनावों में फायदा उठाना चाहती है। “यह सब हरियाणा चुनाव के कारण हो रहा है। भाजपा कभी हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठाती है, तो कभी टॉयलेट और सीवरेज का।”
जल शक्ति विभाग का स्पष्टीकरण: ‘सीवरेज कनेक्शन पर करार’
प्रदेश जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. ओंकार चंद शर्मा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने टॉयलेट सीट के आधार पर कोई टैक्स नहीं लगाया है। “कुछ होटलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए सीवरेज कनेक्शन का शुल्क तय किया गया था, क्योंकि वे अपने निजी पानी के स्रोत का उपयोग करते हुए भी सरकारी सीवरेज कनेक्शन का लाभ उठा रहे थे। इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसे बाद में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने वापस ले लिया।”
‘टॉयलेट टैक्स’ के मुद्दे ने हिमाचल की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। भाजपा जहां इस मुद्दे को प्रदेश सरकार के खिलाफ एक बड़ा हथियार बना रही है, वहीं कांग्रेस इसे सियासी साजिश करार दे रही है। अब देखना यह है कि जनता इस विवाद को कैसे देखती है और क्या यह हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में कोई बड़ा बदलाव लाने वाला है या नहीं।