सुप्रिम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले की सुनवाई को 17 फरवरी तक के लिए टाल दिया है। शाहीन बाग में पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन ऐक्ट सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम आदेश तो नहीं दिया लेकिन इतना जरूर टिप्पणी की कि किसी सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल के लिए प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 फरवरी को होगी।
वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी सहित कई लोगों की तरफ से दायर एक याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया गया था। याचिका में शाहीन बाग के बंद पड़े रास्ते को खुलवाने की मांग की गई थी। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि इस पूरे मसले में हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज या हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज द्वारा निगरानी की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच इस पर सुनवाई की। दरअसल, नागरिक संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में हजारों लोग दिसंबर से सड़क संख्या 13 ए (मथुरा रोड से कालिंदी कुंज) पर बैठे हुए हैं। यह मुख्य सड़क दिल्ली को नोएडा, फरीदाबाद से जोड़ती है और रोजाना लाखों लोग आवाजाही में इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं।