<p>केरल के कोझिकोड जिले में एक वायरस की वजह से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 6 लोगों की हालत नाजुक है। इस खतरनाक वायरस का नाम 'NiPah' है जिसकी चपेट में आए 25 मरीजों को कड़ी निगरानी में रखा गया है।</p>
<p>कोझिकोड जिले के कलेक्टर ने निपाह वायरस से 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। केरल सरकार ने केंद्र सरकार से इस वायरस से निपटने के लिए मदद मांगी है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एनसीडीसी की टीम को केरल का दौरा करने का आदेश दिया है।</p>
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<p><span style=”color:#c0392b”><strong>क्‍या है निपाह वायरस?</strong></span></p>
<p>विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के मुताबिक निपाह वायरस (NiV) एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। इस वायरस का मुख्‍य स्रोत Fruit Bat यानी कि वैसे चमगादड़ हैं जो फल खाते हैं। ऐसे चमगादड़ों को Flying Fox के नाम से भी जाना जाता है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>कहां से आया निपाह वायरस?</strong></span></p>
<p>इस वायरस की सबसे पहले पहचान 1998 में मलेश‍िया के Kampung Sungai के निपाह इलाके में हुई थी। उस वक्‍त वहां दिमागी बुखार का संक्रमण था। ये बीमारी चमगादड़ों से इंसानों और जानवरों तक फैल गई। इस बीमारी की चपेट में आने से ज्यादातर लोग सुअर पालन केंद्र में काम करते थे। ये वायरस ऐसे पलों से इंसानो तक पहुंचता है जो चमगादड़ों के संपर्क में आए हों। ये वायरस संक्रमित इंसान से सवस्थ मनुष्य तर बड़ी आसानी से पहुंच जाता है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जानें NiPah वायरस के कुछ प्रमुख लक्षण-</strong></span></p>
<ul>
<li>इस बीमारी में शुरुआती तौर पर दिमाग में तेज जलन (इन्सेफेलाइटिस), सिर दर्द और बुखार होता है।</li>
<li>बुखार के साथ मानसिक रूप से सुस्त होना और कन्फ्यूजन होना। कुछ मामलों में सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।</li>
<li>24 से 48 घंटे में यदि लक्षण काबू में न हों तो इंसान कोमा में चला जाता है और फिर प्रभावी इलाज न मिला तो इंसान की मौत हो जाती है।</li>
</ul>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>NiPah के इंफेक्शन से कैसे बचें?</strong></span></p>
<ul>
<li>निपाह वायरस मूल रूप से जानवरों से इंसान में फैलता है इसलिए जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचें।</li>
<li>यह वायरस से इंसान से इंसान में भी तेजी से फैलता है ऐसे में इस वायरस से पीड़ित शख्स के पास बिना सुरक्षा उपाय के न जाएं।</li>
<li>निपाह वायरस का वाहक फलों का रस चूसने वाले चमगादड़ होते हैं इसलिए जमीन पर गिरे या कटे और गंदे फल न खाएं।</li>
<li>फलों को यथा उचित धुलकर खाएं।</li>
<li>किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर बिना देरी किए नजदीकी अस्पताल में जाएं।</li>
</ul>
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