जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है और कूटनीतिक पर उसे दुनिया से अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार भी इस हमले के लिए दोषी पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली है। इसी के मद्देनजर अब पाकिस्तान जाने वाली तीन भारतीय नदियों के पानी को रोककर उसे यमुना में लाने की तैयारी की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में पानी की कमी न रहे इसलिए भारत के अधिकार वाली तीनों नदियों का पानी जो पाकिस्तान जाता है, उसे मोड़कर यमुना में लाया जाएगा। मंत्री ने बकायदा ट्वीट करके इसकी जानकारी भी दी है।
हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग दिल्ली से आगरा जलमार्ग से जा सकेंगे। इसीलिए बागपत में यमुना किनारे रिवर पोर्ट भी तैयार कराया जाएगा। पोर्ट से चीनी बांग्लादेश और म्यांमार तक भेजी जाएगी, इसमें खर्च कम होगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने भारत के अधिकार वाली तीनों नदियों का पानी तीन प्रोजेक्ट तैयार कर यमुना में लाने की बात कही है। मगर इस घोषणा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके लिए विश्व बैंक की मध्यस्तता में हुआ सिंधु जल समझौता इस राह में बड़ी बाधा है। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोकने की मांग उठ रही है, लेकिन अभी तक इसे रोका नहीं गया है। पहले हुए भारत पाक युद्धों के दौरान भी यह समझौता प्रभावी रहा था।