अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीन खरीद में कथित घोटाले का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। इस मामले को लेकर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अयोध्या में मंदिर के नाम पर लोगों की आस्था को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘देश के लगभग हर घर ने राम मंदिर ट्रस्ट को कुछ न कुछ दान दिया है। गरीब परिवार और महिलाओं ने अपनी बचत से चंदा दिया है। यह भक्ति की बात है और इसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दलितों की जो जमीन खरीदी नहीं जा सकती थी वो खरीदी और हड़पी गई।’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘जो जमीनें कम दाम की थीं। इस तरीके से बेची गई कि ट्रस्ट को बहुत ज्यादा पैसों में दी गईं। इसका मतलब यह होता है कि चंदा के पैसे के साथ घोटाला किया गया है।’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर के आसपास की जितनी भी जमीनें हैं, उसकी लूट मची है। भाजपा के नेता, अधिकारी और ट्रस्ट के लोग इस लूट में शामिल हैं। भगवान राम नैतिकता के प्रतीक थे और आप उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं, पूरे देश की आस्था पर चोट पहुंचा रहे हैं।
जांच पर उठाए सवाल
प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार के जांच कराए जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच जिला स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। राम मंदिर ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट के आधार पर बनाया गया तो यह जांच भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा होना चाहिए, क्योंकि जिला स्तर के अधिकारी मेयर की जांच कैसे करेंगे? मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है तो जांच भी सुप्रीम कोर्ट स्तर पर होनी चाहिए।’
क्या है जमीन घोटाला
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई बड़े अधिकारियों ने औने-पौने दाम पर जमीन खरीदी थी। इनमें अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, आईपीएस दीपक कुमार, रिटायर्ड आईएएस उमा धर द्विवेदी, पीपीएस अरविंद चौरसिया द्वारा खरीदी गई जमीनें शामिल हैं।
इसके आलावा गोसाईगंज से विधायक रहे विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बलराम मौर्या, अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के ससुर केपी अग्रवाल, अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या में तैनात रहे एडिशनल एसपी अरविंद चौरसिया के ससुर संतोष चौरसिया आदि कई लोगों ने निर्माणाधीन मंदिर के आस-पास के इलाकों में जमीनें खरीदी हैं।