कच्चे तेल की कीमतें लगातार नीचे आ रहीं हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सोमवार को भी कच्चे तेल के दाम 5.20% या 450 रुपए/ बैरल गिरकर 8,120 रुपए/ बैरल हो गए। इसके बावजूद देश में पिछले 8 दिन से पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़नी जारी है। मंगलवार को भी 8 दिन में 7वीं बार तेल के दाम बढ़ाए गए। पेट्रोल की कीमत में 80 पैसे और डीजल में 70 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है। 5 महीने बाद दिल्ली में पेट्रोल फिर 100 रुपए लीटर के पार पहुंच गया है।
क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में 15 से 20 रुपए का इजाफा करना होगा। इस लिहाज से देखें तो पेट्रोल-डीजल की कीमत में अभी और 18 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।
पिछले दिनों मूडीज रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट जारी कर कहा था कि भारत के टॉप फ्यूल रिटेलर्स IOC, BPCL और HPCL को नवंबर से मार्च के बीच करीब 2.25 अरब डॉलर (19 हजार करोड़ रुपए) के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार रिफाइनरी को नुकसान से बचाने के लिए कीमतें बढ़ाने की अनुमति देगी। लगातार दो दिन 80-80 पैसे बढ़ने पर मूडीज ने कहा था कि इससे संकेत मिलता है पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार में न बढ़ाकर धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे।
PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को GST के तहत लाने से बहुत मदद मिलेगी। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह रोज-रोज कीमतें बढ़ रही है, उस पर लगाम लगाने के लिए अब GST के तहत पेट्रोल-डीजल को लाना होगा।
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी।
19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।
केंद्र सरकार ने अप्रैल से दिसंबर (2021) तक पेट्रोल-डीजल समेत पेट्रोलियम उत्पादों पर 3.31 लाख करोड़ रुपए टैक्स से वसूले हैं। यह खुलासा एक RTI से हुआ है। एक RTI के जवाब में सरकार ने बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर 37,653.14 करोड़ रुपए का सीमा शुल्क वसूला गया, जबकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 2,93,967.93 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में जमा हुए हैं। इधर, एक्साइज ड्यूटी की बात करें, तो केंद्र सरकार अब तक 13 बार ड्यूटी में इजाफा कर चुकी है, जबकि महज 4 बार इसे घटाया गया है।
हिमाचल में पेट्रोल 100 के पार
हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल के दाम ने शतक जड़ दिया है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में सोमवार को पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर पार हो गया है। अब डीजल भी शतक की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि बीते 7 दिन में 6 बार इनके दाम में बढ़ोतरी हो चुकी है। पेट्रोल के दाम में 30 पैसे और डीजल में 32 पैसे की ताजा बढ़ोतरी के बाद शिमला जिला के रोहड़ू में पेट्रोल 100 रुपए 46 पैसे प्रति लीटर पहुंच गया है।
डीजल 84 रुपए 82 पैसे प्रति लीटर, कोटखाई में पेट्रोल 100 रुपए 7 पैसे प्रति लीटर और डीजल 84 रुपए 47 पैसे मिल रहा है। इसी तरह जुब्बल, चौपाल, नारकंडा, ठियोग, रामपुर इत्यादि क्षेत्रों में भी पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपए से पार हो गए हैं। प्रदेश में बीते 6 दिनों के दौरान पेट्रोल की कीमतों में 3 रुपए 95 पैसे और डीजल के दाम 4 रुपए 05 पैसे बढ़ गए हैं।
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