एक साल से ज्यादा लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के आगे केंद्र सरकार ने झुकते हुए तीनों कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. कृषि कानूनों पर चल रही जंग के बीच किसानों की बड़ी जीत हुई है. पीएम मोदी ने किसानों से क्षमा मांगते हुए यह ऐलान किया. उन्होंने यह भी कहा कि वह शायद वह किसानों को समझा नहीं पाए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने के अंत में शुरू हो रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानून वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसान अब अपने घर और खेतों को लौट जाएं.
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुपर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसानों को समझा नहीं पाए इसीलिए कानून वापस ले लिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कृषि कानूनों का उद्देश्य पवित्र था और यह किसानों के हित में था. पीएम मोदी ने कहा कि बहुत सारे वैज्ञानिकों, किसान संगठनों ने इस कानूनों का स्वागत भी किया था.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार देश के हित में, किसानों के हित में, कृषि के हित में, किसानों के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से ये कानून लेकर आई थी, लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने किसानों को कृषि कानूनों को समझाने का पूरा प्रयास किया. हमने भी किसानों को समझाने की कोशिश की. हर माध्यम से बातचीत भी लगातार होती रही. किसानों को कानून को जिन प्रावधानों पर दिक्कत था, उसे सरकार बदलने को भी तैयार हो गई. दो साल तक सरकार इस कानून को रोकने पर तैयार हो गई.
पीएम ने कहा कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए ही 3 कृषि कानून लाए गए थे. मकसद था कि किसानों को और ताकत मिले। उनको अपनी उपज बेचने का ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले. पहले भी कई सरकारों ने इसपर मंथन किया. इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए. देश के कोने-कोने अनेक किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं आज उन सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि आपदा के समय ज्यादा से ज्यादा किसानों को मुआवजा मिल सके इसके लिए नियम भी बदले. पिछले 4 सालों में किसान भाई बहनों को 1 लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा मिला है. छोटे किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में 1.62 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए.
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने 5 दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में किसानों की समस्याओं और चुनौतियों को काफी करीब से देखा है. जब देश ने 2014 में मुझे सेवा करना का मौका दिया तो हमने कृषि कल्याण को प्राथमिकता दी. छोटी सी जमीन के सहारे छोटे किसान अपना और अपना परिवारों का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा इसे और छोटा कर रहा है. छोटे किसान की चुनौतियों को कम करने के लिए बीज, बीमा, बाजार और बजत पर चौतरफा काम किया है.