प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुलासा करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा देने से 6-7 महीने पहले से निजी कारणों के चलते जिम्मेदारी को छोड़ना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि ये साफ हो सके कि केन्द्र सरकार उनके ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं बना रही थी।
गौरतलब है कि बीते महीने आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने केन्द्र सरकार से खींचतान के बीच इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा था कि केन्द्र सरकार रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठा रही थी जिसके चलते दबाव में पटेल ने इस्तीफा दे दिया। केन्द्र सरकार पर लग रहे इस आरोप पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पटेल अपने पद पर अच्छा काम कर रहे थे लेकिन महज निजी कारणों से वह इस जिम्मेदारी को आगे अदा नहीं करना चाहते थे।
मोदी ने बताया कि उर्जित पटेल ने इस्तीफा देने के 6-7 महीने पहले केन्द्र सरकार को लिखित तौर पर यह बताया था कि वह केन्द्रीय बैंक से मुक्त होना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद यह साफ हो चुका है कि पटेल का इस्तीफा किसी तरह के दबाव में नहीं हुआ था।
गौरतलब है कि दावा किया जा रहा था कि केन्द्र सरकार रिजर्व बैंक के नीतिगत फैसलों में अधिक भूमिका चाहती थी जिसे पटेल बैंक की स्वायत्तता पर खतरा मान रहे थे। अब प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद एक बात साफ है कि देश में केन्द्रीय बैंकं की स्वायत्तता पर कोई खतरा नहीं है और केन्द्रीय बैंक के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांता दास पर भी ऐसे किसी दबाव की संभावना नहीं है।