जब से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है, चालान की दरें भारी-भरकम हो गई हैं। पुलिस भी पहले के मुकाबले ज्यादा सक्रिय दिख रही है। पुलिस चौक-चौराहों पर खड़ी होकर जांच कर रही है। इसी बीच तमाम जगहों से पुलिस के दुर्व्यवहार की खबरें और वीडियो आ रहे हैं। ऐसे में आपके कुछ अधिकार भी हैं जिनको आप इस्तेमाल कर सकते हैं। गौरतलब है कि फरीदाबाद निवासी एक शख्स ने वाहन चालकों के अधिकारों को लेकर हरियाणा पुलिस में एक आरटीआई डाली थी। जिसके जवाब में पुलिस ने वाहन चालकों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी है।
बता दें कि कोई भी वाहन चालक पुलिसकर्मी के साथ बातचीत के दौरान कैमरा इस्तेमाल कर सकता है। इस पर कोई पाबंदी नहीं है। पुलिसकर्मी को फोन और कैमरा आदि छीनने और तोड़ने का अधिकार नहीं है। वाहन चलाते समय अगर किसी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि नहीं है तो चालक मोबाइल पर पुलिसकर्मी को कागजात दिखा सकता है। वाहन चलाते समय गाड़ी में हॉकी, क्रिकेट बैट, विकेट आदि सामान रखने पर पाबंदी नहीं है। लेकिन अवैध हथियार रखना दंडनीय अपराध है।
आरटीआई के एक सवाल के जवाब में ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि वाहन चलाते समय चालक व चालक के साथ बराबर में बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती है या चोट आदि है तो मानवता के आधार पर सीट बेल्ट से छूट मिल सकती है। पुलिसकर्मी हाथ से इशारा करके वाहन रुकवा सकता है। चेक कर सकता है। अगर कोई चालक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए इशारे पर अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है। लेकिन पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को न तो गाली दे सकता है और न मारपीट कर सकता है।
पुलिसकर्मी को वाहन के प्रदूषण स्तर का सर्टिफिकेट चेक करने का अधिकार है। अगर कोई वाहन चालक अपने निजी वाहन में कमर्शियल उद्देश्य के लिए कोई सामान ले जाता है तो पुलिसकर्मी को उसका बिल चेक करने का अधिकार है। पुलिसकर्मी अगर किसी वाहन चालक को गाड़ी के कागजात चेक करने के लिए रुकवाता है तो चालक कागजात पुलिसकर्मी को दिखाने का जिम्मेदार होगा।