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सामान्य वर्ग के आरक्षण बिल को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, सरकार ने जारी की अधिसूचना

<p>राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए लाए गए 10 प्रतिशत आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है। इस बारे में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते के अंदर दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय एक हफ्ते के भीतर इस कानून से जुड़े प्रावधानों को अंतिम रूप देगा।</p>

<p>बता दें कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 7 जनवरी को मुहर लगाई थी। इसी दिन इस फैसले की जानकारी देश को दी गई थी। 8 जनवरी को इसके लिए लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया। इसी दिन ये बिल लोकसभा में पास हो गया, इस बिल के समर्थन में 323 वोट पड़े जबकि इस बिल के विपक्ष में 3 सदस्यों ने मतदान किया।</p>

<p>9 जनवरी को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। इसके लिए राज्यसभा की बैठक को एक दिन के लिए बढ़ाया गया। राज्यसभा में भी इस बिल पर लंबी बहस हुई और उसी दिन इस बिल को सदन से पास कर दिया गया। राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 165 वोट पड़े थे, जबकि 7 सदस्यों ने इस बिल के विरोध में मतदान किया था। दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इसे आखिरी मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बता दें कि ये आरक्षण इस वक्त एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लोगों को मिलने वाले 49।5 फीसदी रिजर्वेशन के अलावा होगा।</p>

<p>इसके तहत आरक्षण का लाभ पाने वाले अभ्यर्थी के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि संसद में चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि राज्य सरकारें चाहे तो इस सीमा में बदलाव कर सकती है। कानून मंत्री के मुताबिक राज्य सरकारों के पास इस सीमा में बदलाव का अधिकार है।</p>

<p>इस 10 फीसदी आरक्षण का लाभ उसी परिवार के कैंडिडेट को मिलेगा जिसके पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि योग्य भूमि न हो। इसके अलावा आवेदक या उसके परिवार के पास 1000 स्क्वायर फीट से बड़ा घर नहीं होने चाहिए। इस आरक्षण का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनके पास निगम की 100 गज से कम अधिसूचित जमीन हो। इसके अलावा निगम की 200 गज से कम अधिसूचित जमीन होने पर भी इस आरक्षण का लाभ कैंडिडेट उठा सकेंगे।</p>

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