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भारी विरोध के बावजूद कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों के हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये बिल कानून बन गए हैं। हाल ही में संसद के दोनों सदनों में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को पारित किया है, जिस का किसानों के अलावा कांग्रेस समेत विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।

सड़क से संसद तक तीनों बिलों का विरोध हो रहा है। हरियाणा, पंजाब में किसानों ने मोर्चा संभाला हुआ है तो वहीं, अन्य दल भी विरोध कर रहे हैं। किसान सरकार से बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पंजाब के अमृतसर में किसान रेल रोको प्रदर्शन के तहत रविवार को अमृतसर-दिल्ली रेलमार्ग पर जमे रहे। पटरी पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के लिए आसपास के गांवों के लोग खाना और अन्य सामान पहुंचा रहे हैं। नजदीक के गुरुद्वारे प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर भी लगा रहे हैं।

बता दें कि  बिलों पर वोटिंग के दौरान राज्यसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ था। टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन सहित विपक्ष के कई नेताओं ने बिल की कॉपी फाड़ दी और आसन के माइक को भी तोड़ डाला था। इसके बाद, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों को सत्र के लिए निलंबित कर दिया।