दीवाली के त्योहार से पहले आम आदमी की जेब पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर की कीमत बुधवार को 2.94 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गई। सिलेंडर के आधार मूल्य में बदलाव और उस पर टैक्स के प्रभाव से दाम में वृद्धि हुई है।
इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC) ने बयान में कहा कि 14.2 किलो के सब्सिडीयुक्त एलपीजी सिलेंडर का दाम बुधवार मध्य रात्रि से 502.40 रुपये से बढ़कर 505.34 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया। एलपीजी उपभोक्ताओं को बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर खरीदना होता है। हालांकि, सरकार साल भर में 14.2 किलो वाले 12 सिलेंडरों पर सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में सब्सिडी डालती है।
वहीं, बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतें 60 रुपये बढ़कर 880 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। इसके साथ ही ग्राहकों के खातों में हस्तांतरित होने वाली सब्सिडी नवंबर 2018 में बढ़कर 433.66 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई, जो कि अक्टूबर महीने में 376.60 रुपये प्रति सिलेंडर पर थी।
हिमाचल में 1 हजार के क़रीब पहुंची क़ीमतें
वहीं, हिमाचल प्रदेश में गैस सिलेंडर के दामों की बात करें तो यहां दाम लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों के मुताबिक, यहां सिलेंडर के दाम हजार के क़रीब पहुंचने वाले हैं। कई जगहों पर पिछले सप्ताह ही 950 रुपये का सिलेंडर दिया गया तो कहीं क़ीमत 980 रुपये रही। लोगों को कहना है कि कई दफा तो सब्सिडी आती भी है और कई दफा नहीं, लेकिन लगातार बढ़ते सिलेंडर के दाम लोगों की मुश्किल है।
सब्सिडी में इजाफा, बढ़े सिलेंडर के दाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक खातों में स्थानांतरित की जाने वाली सब्सिडी राशि मई में जहां 159.29 रुपये प्रति सिलेंडर थी वहीं जून में यह बढ़कर 204.95 रुपये और जुलाई में 257.74 रुपये प्रति सिलेंडर थी। जून से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एलपीजी के दाम बढ़ रहे हैं। बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम मई में 653.50 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर था। जून में यह बढ़कर 698.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है। वहीं, जून में बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 55.50 रुपये और बढ़कर 754 रुपये हुई थी। नियमों के अनुसार एलपीजी पर जीएसटी गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर की जाती है। कीमतें बढ़ने के साथ टैक्स भी बढ़ता है।