प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रुपये का सिक्का जारी किया। कोरोना वायरस के चलते एक वर्चुअल समारोह के माध्यम से प्रधानमंत्री ने इस सिक्के को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे उनकी 100वीं जयंती पर 100 रुपये का सिक्का जारी किया है। इसके लिए ग्वालियर में एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
इस मौके पर पीएम मोदी नेकहा कि राजमाता सिंधिया ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने साबित किया कि जन प्रतिनिधियों के लिए 'राजसत्ता' नहीं बल्कि 'जन सेवा' महत्वपूर्ण है। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए जीवन नहीं जीया, न राजनीति की। राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं।
कौन थी राजमाता सिंधिया
विजया राजे सिंधिया का पूरा नाम लेखा देवीश्वेरी देवी है। इनका जन्म 12 अक्टूबर 1919 को हुआ था। सिंधिया ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय थी। एक प्रमुख भारतीय राजशाही व्यक्तित्व के साथ-साथ एक राजनीतिक व्यक्तित्व भी थी। ब्रिटिश राज के दिनों में, ग्वालियर के आखिरी सत्ताधारी महाराजा जिवाजीराव सिंधिया की पत्नी के रूप में, वह राज्य के सर्वोच्च शाही हस्तियों में शामिल थी। बाद में भारत से राजशाही समाप्त होने पर वे राजनीति में उतर गई और कई बार भारतीय संसद के दोनों सदनों में चुनी गई। वह कई दशकों तक जनसंघ और भाजपा की सक्रिय सदस्य भी रही।
बताते चलें कि राजमाताजी केवल वात्सल्यमूर्ति ही नहीं थीं। वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था।