फ्रांस में निर्मित पांच राफेल लड़ाकू जेट विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल करने की औपचारिकताएं कल पूरी की जाएंगी। इसके लिए अंबाला एयरबेस पर आयोजित औपचारिक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे।
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि समारोह में भाग लेने के लिए फ्रांस की महिला रक्षा मंत्री कल सुबह ही भारत पहुंचेंगी और दोपहर बाद वापस अपने देश लौट जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि इस समारोह के बाद सिंह और पार्ल अंबाला में ही द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सेदारी करेंगे, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और ज्यादा मजबूत करना है। इस समारोह के साथ ही वायुसेना में पिछले 23 साल के दौरान पहली बार नए विमान शामिल होंगे। आखिरी बार 1997 में रूस से सुखोई जेट विमानों की खरीद की गई थी।
पांच जेट विमानों में तीन एकल सीट वाले और दो ट्विन सीटर जेट शामिल हैं जिन्होंने 29 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात में ठहरते हुए फ्रांस के मेरिगेनैक से उड़ान भरा था. जिन सात पायलटों ने जेट विमान उड़ाए, उनका भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने स्वागत किया था, क्योंकि वे अंबाला में उतरे थे.
राफेल जेट विमान ने फ्रांस के दक्षिणी क्षेत्र मेरिगेनैक से अंबाला तक के लिए 8,500 किलोमीटर की उड़ान भरने के दौरान संयुक्त अरब अमीरात में एक रात गुजारी थी.राफेल का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयर बेस से संचालित होगा क्योंकि यह रणनीतिक रूप से अहम जगह पर स्थित है, साथ ही यहां पर जगुआर और मिग 21 भी हैं.राफेल विमानों के पहले स्क्वाड्रन को अंबाला एयरबेस पर, जबकि दूसरे स्क्वाड्रन को पश्चिमी बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।