लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबी यही है कि चुनाव के दौरान जो शत्रु नजर आते हैं, वो चुनाव संपन्न होने के बाद एक साथ बैठे नजर आते हैं। हालांकि बदलते हालात के साथ ये खूबी भी अब ख़त्म हो रही है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी औऱ यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पार्ट-2 के शपथ ग्रहण में शरीक होकर इस उम्मीद को जिंदा रखा है कि लोकतंत्र में राजनीति मुद्दों पर होती है औऱ जंग भी मुद्दों पर आधारित होती है।
गुरुवार को मोदी सरकार के शपथ ग्रहण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह औऱ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी पहुंचे। ये सभी बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के साथ बैठे औऱ पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहे।
ये इसीलिये महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ बीजेपी नेताओं की चुनाव के दौरान कडवाहट इतनी बढ़ गयी कि उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। देश में कई ऐसे मामले हुए जब राजनीतिक दुश्मनी राजकीय कार्यक्रम में भी देखने को मिले हैं। ऐसे में कह सकते हैं कि देश की दूसरी बड़ी पार्टी ने चुनावी कड़वाहट को दरकिनार कर लोकतंत्र में आस्था रखा औऱ राजकीय कार्यक्रम में शिरकत की।