लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर जारी नेतृत्व संकट के बीच पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। यह फैसला अहम है क्योंकि चुनाव के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच काफी तीखे हमले देखने को मिले थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचेंगे। कांग्रेस के इस फैसले से साफ है कि पार्टी पीएम के शपथ ग्रहण से दूरी बनाकर कोई गलत संदेश देना नहीं चाहती है।
यह समारोह नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में गुरूवार की शाम सात बजे शुरू होगा। इससे पहले, 30 जून के इस शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को छोड़कर भारत ने बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन) जिनमें बांग्लादेश, भुटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड को आमंत्रित किया गया। सके साथ ही, शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय राजनेताओं, मुख्यमंत्रियों और विपक्षी नेताओं को भी न्यौता दिया गया है। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल करते हुए सीटों के लिहाज से 300 का आंकड़ा पार कर गई।
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में जाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। ममता बनर्जी ने यह फैसला उस खबर के बाद लिया है, जिसमें कहा गया है कि भाजपा दावा कर रही है कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा में 54 लोगों की मौत हुई है।