राज्यसभा में बुधवार को आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक-2020 ध्वनि मत से पारित हो गया। इस विधेयक के पास होने से जामनगर स्थित आयुर्वेद की इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च, गुलाबकुनर्वबा आयुर्वेद महाविद्यालय और इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद फार्मास्युटिकल साइंसेस को मिलाकर इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिला है। जामनगर के आय़ुर्वेद इंस्टीट्यूट को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलने को लेकर कई सांसदों ने सवाल उठाए थे।
इन सवालों का जवाब देते हुए डॉक्टर हर्ष वर्धन ने कहा कि जामनगर इंस्टीट्यूट देश के सबसे पुराने इंस्टीट्यूट में से एक है। आयुर्वेद के क्षेत्र में विकास और ट्रेनिंग को लेकर यह संस्थान विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम कर रहा है। पिछले 20 साल में इस संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में 30 देशों के साथ करार किया है। इस संस्थान का चयन करने के लिए 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। आय़ुर्वेद के क्षेत्र में देश का पहला संस्थान है जिसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिला है। यह संस्थान आयुर्वेद के महत्व को आगे बढ़ाने और समाज के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि आय़ुर्वेद प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में से एक है, जिसका अनुसरण वे खुद भी करते हैं। केन्द्र सरकार ने आयुर्वेदिक औषधियों की खेती के लिए 4000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।