संसद के मानसून सत्र का आज आठवां दिन है। राज्यसभा में बीते कल पास हुए कृषि संबंधित दो बिलों पर आज सदन में खूब हंगामा हुआ था। आज भी राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे का मुद्दा उठा। इसके बाद सभापति ने आठ विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया। इनमें- डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलमरन करीम हैं। इसके बावजूद भी सांद निलंबित होने के बाद भी सदन की कार्यवाही में मौजूद रहे और हंगामा करते रहे। इस कारण राज्यसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा।
पीठासीन भुवनेश्वर कलिता ने निलंबित सांसदों से सदन से बाहर जाने का अनुरोध किया। लेकिन सभी विपक्षी सांसद बाहर नहीं जाने पर अड़े रहे। इस पर राज्यसभा की कार्यवाही को मंगलवार सुबह नौ बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर ने कहा कि कई सदस्यों द्वारा कृषि विधेयक में संशोधन पर विचार नहीं किया गया और तथाकथित ध्वनि मत के जरिए इसे पास कर दिया गया। इस मामले में अध्यक्ष की भूमिका पूर्ववर्ती 'पक्षपातपूर्ण', अभूतपूर्व और गैरकानूनी थी। यदि संवैधानिक प्राधिकारी राज्यसभा अध्यक्ष नियमों के अऩुसार कार्य नहीं करेंगे तो देश फासीवाद की तरफ भले ही न बढ़े, लेकिन इसका बहुसंख्यकवाद का शिकार होना तय है।