कोरोना काल के बीच राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल का आज 12वां दिन है. डॉक्टर इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर कर रहे हैं. डॉक्टर नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी के कारण हड़ताल पर हैं. डॉक्टरों की केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से कई दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई अब तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है.
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते संकट के बीच डॉक्टरों की इस हड़ताल स्वास्थ व्यवस्था को चिंता में डाल सकती है. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सुबह से ही परेशान मरीज देखे जा सकते हैं जो इलाज कराने के लिए आए हैं लेकिन उन्हें अटेंड करने वाला कोई नहीं है.
दरअसल काउंसलिग का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लिहाजा डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव करने के लिए पैदल मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन शुरु होते ही डॉक्टरों को रोक लिया. इस दौरान पुलिस के साथ डॉक्टरों की हाथापाई भी हुई. देर रात धरना प्रदर्शन के दौरान डॉक्टरों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने सरोजनी नगर थाने का घेराव किया. पुलिस ने डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज कर लिया. डॉक्टर माफी की मांग कर रहे हैं तो पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों के साथ मारपीट नहीं हुई है.
वहीं एम्स के रेजिंडेंट डॉक्टरों के संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री के नाम चिट्ठी लिखकर सरकार और पुलिस से माफी की मांग की है. हालांकि पुलिस मारपीट के आरोपों से इंकार कर रही है. मामले में पुलिस डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया है.
सफदरजंग, लोकनायक, जीटीबी, जीबी पंत, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.