वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि यदि वह एक रुपया जमा नहीं करते हैं तो उनको तीन महीने की जेल हो सकती है और तीन साल तक वकालत करने पर पाबंदी लगाई जाएगी। उन्हें 15 सितंबर तक एक रुपया के जुर्माने का जमा करना है। प्रशांत भूषण ने कोर्ट से पहले अपने बयान मीडिया को दिए थे, ये गलत था। कोर्ट के फैसले जनता के विश्वास और मीडिया की रिपोर्ट से नहीं होते हैं। हम भी अटॉर्नी जनरल की इस दलील से सहमत हैं कि भूषण ने कोर्ट की अवमानना की है। हम भी चाहते हैं कि वो माफी मांगें, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया है।
जब इस मामले की सुनवाई हुई थी तब प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन प्रेस के सामने जाने पर बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की तरफ से 12 जनवरी 2018 को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला दिया था। इस दलील को फैसले में दर्ज करते हुए कोर्ट ने लिखा कि हम यह मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जजों का प्रेस कॉन्फ्रेंस करना सही नहीं था। इसका उदाहरण देकर अवमानना के दोषी का बचाव नहीं किया जा सकता है।
फैसले के बाद प्रशांत भूषण आज 4 बजे प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे और सजा पर अपनी प्रतिक्रिया भी देंगे। इस बीच राजीव धवन ने एक रुपया का सिक्का प्रशांत भूषण को जुर्माना भरने के लिए दिया। फैसले पर दोनों ने कमेंट नहीं किया। प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रेस क्लब में बताऊंगा।