अपने आप को दिवालिया साबित करने की कोशिश में जुटे जेपी हाउसिंग ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख जारी रखा है। SC ने जेपी को आदेश दिया है कि वह 27 अक्टूबर तक 2 हजार करोड़ रुपए जमा कराए।
सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के एमडी सहित सभी निदेशकों के विदेश जाने पर रोक लगा दी है और कहा है कि जरूरी होने पर वह पहले कोर्ट से इजाजत ले। कोर्ट ने कंपनी पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए, हमें घर खरीदारों की फिक्र है। कोर्ट ने इसके साथ बैंकों को जेपी के फ्लैट्स खरीदने के लिए होम लोन लेने वालों के साथ नरमी बरतने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के NPA को कम करने की दिशा में कार्रवाई करते हुए 12 डिफॉल्टर्स की पहचान की थी। इन 12 खातेदारों पर बैंकों का करीब 5000 करोड़ रुपए से भी अधिक बकाया था। कुल एनपीए का 25 फीसदी इन 12 खातेदारों के नाम पर था। इन्हीं 12 खातेदारों में से एक है जेपी इंफ्राटेक। RBI ने बैंकों को इन 12 खातेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दे दिया था। बता दें कि करीब 8 लाख करोड़ रुपए की राशि कर्ज में फंसी है, जिसमें से 6 लाख करोड़ रुपए पब्लिक सेक्टर के बैंकों के हैं।