सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बच्चों से जुड़े दुष्कर्म मामलों का डेटा पेश करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट में सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा दिए जाने वाले प्रत्येक जिले के आंकड़ों को भी सम्मिलित किया जाए। साथ ही उसमें इस बात की भी जानकारी हो कि बच्चों से दुष्कर्म के कुल कितने मामले हैं और अभी तक कितने मामले लंबित पड़े हैं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मामले में 10 दिनों के अंदर सुप्रीम कोर्ट के सामने डेटा पेश करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
बच्चों के साथ बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस तरह के मामलों से निपटने के लिए ढांचागत संसाधन जुटाने और अन्य उपाय करने के लिए दिशा-निर्देश तय करने का मन बनाया है। शुक्रवार को कोर्ट ने वरिष्ठ वकील वी. गिरि को न्यायमित्र नियुक्त किया। कोर्ट ने गिरि से जरूरी दिशा-निर्देश पारित करने के बारे में सुझाव मांगे थे।
बता दें कि एक जनवरी से गत 30 जून तक देश में बच्चों से दुष्कर्म की कुल 24,212 घटनाओं की एफआईआर दर्ज़ की गई है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि विभिन्न अखबारों और ऑनलाइन प्रकाशन में बच्चों से दुष्कर्म की आई घटनाओं और आंकड़ों ने उन्हें परेशान और चिंतित कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने सभी राज्यों और उच्च न्यायालयों से बच्चों से दुष्कर्म के मामलों के आंकड़े मंगाए हैं।