<p>सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता द्वारा गत जुलाई को उन्हें लिखे पत्र पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को 12 बजे तक पेश होने के लिए कहा है। कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को मामले की ताजा रिपोर्ट भी देने को कहा है। कोर्ट ने इस मामले को यूपी से ट्रांसफर करने की भी इच्छा जताई है। बुधवार को सीजेआई ने पत्र उनके समक्ष अब तक पेश नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्हें इस संबंध में न्यायालय के महासचिव से रिपोर्ट मांगी है।</p>
<p>मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा था कि दुर्भाग्यवश यह पत्र अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन खबरें ऐसे प्रसारित-प्रकाशित हुई हैं, जैसे मैंने इस पत्र को पढ़ लिया है। मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने इस मामले को वीरवार के लिए सूचीबद्ध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता से संबंधित दुर्घटना के बारे में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने ये टिप्पणियां उस वक्त की जब बच्चों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मामले में न्यायमित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी. गिरि ने उन्नाव बलात्कार प्रकरण को सुनवाई के लिए शीघ्र सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।</p>
<p>पीड़िता और उसके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखा गया यह पत्र 12 जुलाई का है और इसकी प्रति इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा गया था। मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए पत्र में दावा किया गया है कि 7-8 जुलाई को भाजपा विधायक सेंगर से कथित रूप से संबंध रखने वाले कुछ व्यक्तियों ने पीड़िता के परिवार को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी।</p>
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