दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान में सैनिकों को हर रोज कितनी मुश्किलों का सामना करना होता है। वीडियो में तीन सैनिकों को फ्रूट जूस के खुले टेट्रा पैक को तोड़ते देखा जा सकता है, और उसे तोड़ने के बाद भी बर्फ ही निकलती है। उसके बाद वे बताते हैं कि जूस पीने के लिए उन्हें उसे उबालना पड़ता है। सैनिक बताते हैं कि उन्हें अंडे तोड़ने के लिए हथौड़े की जरूरत पड़ती है।
वीडियो में एक सैनिक यह कहते हुए दिख रहा है, ' फ्रूट जूस गरम कर के पीना पड़ता है। हथौड़े से मारने के बाद भी यह नहीं टूटता है। कवर निकालने के बाद पतीले में डालकर गर्म कर पीना पड़ता है। ग्लेशियर में अंडा आता है तो हथौड़े से मारने पर भी नहीं टूटता है। इसी तरह आलू टमाटर को भी हथौड़े से तोड़ना पड़ता है…इसलिए ग्लेशियर में नौकरी करना इतना भी आसान नहीं है क्योंकि यहां तापमान माइनस 40 से 70 डिग्री तक हो जाता है तब जीना हराम हो जाता है।' वीडियो में सैनिक अंडे को हथौड़े से तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन वह टूट नहीं रहा है।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, 'हमारे सैनिक सियाचिन में कितने कठिन मौसम का सामना करते हैं। इसे तथाकथित लिबरलों और सेकुलरों को भेजें, जो भारतीय सेना का मनोबल गिराने का कोई मौका नहीं छोड़ते।' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'हे भगवान यह बहुत दुखद है..हमारे बहादुर और क्षमतावान सियाचिन के सैनिकों को सलाम। इन जांबाजों का जीवन इतना कठिन है।'
एक अन्य ट्वीटर यूजर ने लिखा, 'आपके त्याग और अदम्य साहस की भावना की सराहना करने के लिए शब्द नहीं है। आप लोगों की वजह से भारत बहुत सुरक्षित है। भगवान वहां पर और शक्ति दे !!!!' वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा,'यह कुछ भी नहीं है। हम कल्पना नहीं कर सकते हैं कि वे उन परिस्थितियों में किस तरह से महीनों तक पूरी तरह से अलग-थलग पड़े रहते हैं। जवान इन परिस्थितियों में मानसिक और शारीरिक रूप से प्रशिक्षित होने के आदी हो जाते हैं, लेकिन यह बहुत ही कठिन है … हमारी सेना के लिए बहुत बड़ा सम्मान!'