जहां एक ओर राफेल डील का मामला खूब चर्चा में रहा और इस मामले का काफी राजनीतिकरण भी हुआ बाद में मामला दब गया. लेकिन इसी बीच इस मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. खुलासे में पता चला है कि सीबीआई और ईडी को बिचौलिये के घूस लेने की जानकारी थी.
एक फ्रेंच मैगजीन ने खुलासा करते हुए दावा किया है कि इस घूस में 64 करोड़ रुपये दिए गए थे. दावा है कि फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट एविएशन ने इस डील के लिए भारतीय बिचौलिए को कम से कम 64 करोड़ रुपये दिए गए, जिससे कंपनी, भारत के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा हासिल कर सके.
फ्रांस की खोजी पत्रिका मीडियापार्ट ने दावा किया कि फ्रांसीसी विमान कंपनी दासौ एविएशन ने भारत से राफेल विमान सौदा हासिल करने के लिए एक बिचौलिए को कम से कम 64 करोड़ रुपए का भुगतान किया. यह भुगतान 2007 से 2012 की अवधि में मारीशस में किया गया. उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी. इस पर रक्षा मंत्रालय और दासौ एविएशन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
पत्रिका ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि मीडियापार्ट कथित फर्जी बिल प्रकाशित कर रही है, जिससे पता चलता है कि फ्रांसीसी विमान निर्माता दासौ एविएशन ने भारत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए बिचौलिए को 64 करोड़ का कमीशन दिया गया.
पत्रिका ने आरोप लगाया कि ऐसे दस्तावेज होने के बावजूद भारतीय जांच एजेंसियों ने मामले में आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में विदेश में स्थित कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और फर्जी बिल शामिल हैं.