सौरव गांगुली की अगुवाई वाले बीसीसीआई ने रविवार को उसके पदाधिकारियों के कार्यकाल को सीमित करने वाले प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति लेने का फैसला किया और साथ ही आईसीसी की मुख्य कार्यकारियों की समिति की बैठक में भाग लेने के लिये सचिव जय शाह को अपना प्रतिनिधि बनाया। पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली के कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकाल की सीमा से जुड़े नियम में ढिलाई के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति और शाह को आईसीसी बैठक के लिए नियुक्त करने का फैसला यहां बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक में किया गया।
गांगुली ने एजीएम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आखिर में फैसला अदालत ही करेगी। मौजूदा संविधान के अनुसार अगर किसी पदाधिकारी ने बीसीसीआई या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा। बता दें कि गांगुली ने 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था और उन्हें अगले साल पद छोड़ना होगा लेकिन छूट दिए जाने के बाद वह 2024 तक पद पर बने रह सकते हैं। भारतीय टीम ने पांच सदस्यीय पैनल के कार्यकाल के दौरान अच्छी सफलताएं हासिल की लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम अनुभव के कारण उन्हें लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था।