अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ और अभिनेत्री कंगना रानौत के बीच ट्विटर पर तीखी बहस छिड़ी रही। यह मामला कंगना द्वारा शाहीन बाग आंदोलन से मशहूर हुई बिल्किस बानो का नाम उछालने से शुरु हुआ था लेकिन अब यह दोनों कलाकारों के बीच बुरा-भला कहने तक पहुंच गए थे।
पंजाब के मशहूर गायक-अभिनेता और अपनी मजेदार ट्वीट के लिए लोकप्रिय दोसांझ से रानौत की बहस बुधवार शाम को शुरु हुई और बृहस्पतिवार तक जारी रही।दोनों के बीच यह बहस कंगना के एक ट्वीट को लेकर शुरु हुआ था जिसमें कंगना ने किसान आंदोलन की एक बुजुर्ग को शाहीन बाग आंदोलन से प्रसिद्ध हुई दादी बिल्किस बानो बताया। उन्होंने फिर रिट्वीट करते हुए दोनों बुजुर्ग महिलाओं की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि यह शाहीन बाग वाली दादी हैं जो 100 रुपये में प्रदर्शन करने के लिए उप्लब्ध हैं। लोगों के सवाल उठाने पर कंगना ने कथित तौर पर अपना ट्वीट हटा दिया।
इसके बाद दोसांझ ने बीबीसी द्वारा किसान आंदोलन वाली बुजुर्ग महिला के साक्षातकार की एक क्लिप साझा करते हुए कंगना को टैग कर लिखा, ‘सबूत के साथ यह सुनो कंगना। किसी को इतना अंधा नहीं होना चाहिए… तुम कुछ भी बोलती हो।’
उसके बाद कंगना ने दोसांझ को करण जौहर का ‘पालतू’,‘चाटुकार’ कहते हुए पूछा कि दिल्ली दंगे कराने वाले किसी इंसान का बचाव करते हुए उन्हें शर्म नहीं आती क्या? उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी बिल्किस बानो के लिए थी ना कि किसान आंदोलन वाली महींदर कौर के लिए।
इस पर दोसांझ ने भी पलटवार करते हुए रानौत से पूछा कि कंगना जिन लोगों के साथ काम कर चुकी हैं सबकी चापलूस थीं क्या…और अगर थीं तो फेहरिस्त लंबी है। खुद को पंजाबी बताते हुए दोसांझ ने कहा कि औरत होकर भी कंगना को किसी की मां-बहन से बात करने की तमीज नहीं है।