अबुधाबी में चल रही ओआईसी की बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंक के खिलाफ है किसी धर्म के खिलाफ नहीं। वास्तव में हर धर्म शांति के लिए खड़ा है। आतंकवाद जीवन को नष्ट कर रहा है, क्षेत्रों को अस्थिर कर रहा है और दुनिया को महान संकट में डाल रहा है। भारत ने हमेशा से बहुलतावाद को गले लगाया है और इसे आसानी से ग्रहण किया है। जो भी देश आतंकवाद को पनाह या आर्थिक मदद दे रहा है वे ग़लत है।
वहीं, ओआईसी की बैठक में भारत की भागीदारी पर भड़के पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने सुषमा स्वराज की भागीदारी पर इस मीटिंग का बहिष्कार कर दिया है। इससे पहले पाकिस्तान ने ओआईसी के महासचिव यूसेफ बिन अहमद अल-ओथाइमेन को एक पत्र लिखकर सम्मेलन का बहिष्कार करने की धमकी दी थी। पाकिस्तान की धमकी के आगे ओआईसी ने झुकने से इनकार कर दिया। जबकि पाकिस्तान ओआईसी का संस्थापक सदस्य है। पाकिस्तान ने मांग की थी कि इस मीटिंग से भारत को दूर रखा जाए। पाकिस्तान की मांग को दरकिनार करते हुए ओआईसी ने इस मीटिंग में भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में शामिल किया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से बिफरे पाकिस्तान ने ओआईसी से कहा था कि भारत को इस बैठक में शामिल नहीं होने दिया जाए। हालांकि भारत की कूटनीतिक रणनीति के आगे पाकिस्तान की एक भी नहीं चली। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत की इस्लामी मुल्कों के साथ जुड़ाव को पहचानते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबूधाबी पहुंची हैं। उन्हें यूएई के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने ओआईसी के सम्मेलन में बतौर 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में आमंत्रित किया था।