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दशक का अखिरी सूर्य ग्रहण दिखेगा ‘रिंग ऑफ फायर’ की तरह

समाचार फर्स्ट डेस्क |

सूर्य ग्रहण को अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने चेतावनी जारी की है। नासा ने कहा है कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की भूल ना करें। विकिरण से बचाने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण एक आग की अंगूठी की तरह नजर आने वाला है. वैज्ञानिक इसे ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दे रहे हैं। इस ग्रहण में सिर्फ सूरज का मध्य भाग ही छाया के क्षेत्र में आता है जबकि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित रहता है।

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होने जा रहा है। आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू हो गया हैं और सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू करेगा। पूर्व सूर्य ग्रहण सुबह 9.26 पर दिखाई देगा। वहीं, 11 बजकर 5 मिनट पर यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा। इस ग्रहण की अवधि 3.12 मिनट होगी। यह ग्रहण विशेष खगोलीय घटना होगी क्योंकि इस दिन सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखेगा। साल के आखिरी Solar Eclipse को भारत, ऑस्ट्रेलिया, फिलिपिंस, साउदी अरब और सिंगापुर जैसे जगहों में देखा जा सकता है। भारत में सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा। जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण की तरफ न देखें। यही नहीं इसको देखने के समय विशेष सावधानी बरतें।

 

सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक पहलू

एनडीटीवी इंडिया के विज्ञान के अनुसार, सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की खगोलिया स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। बता दें कि वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है। जब चांद सामान्य की तुलना में धरती से दूर हो जाता है। इस कारण से उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले, वलयाकार सूर्यग्रहण में चांद के बाहरी किनारे पर सूर्य रिंग यानी अंगूठी की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है।