निर्भया मामले में चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। पुराने डेथ वारंट के मुताबिक, सभी दोषियों को मंगलवार सुबह 6 बजे फांसी की सजा दी जानी थी। यह फैसला सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने सुनाया।
उन्होंने कहा कि जब तक किसी दोषी के पास कानूनी विकल्प मौजूद हैं, तब तक उसे फांसी नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा फांसी टलने का एक और मुख्य कारण यह रहा कि दोषियों में से एक की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, जिसके बाद डेथ वारंट पर रोक लगा दी गई है।
कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट को टालते समय कहा कि कोई दोषी जब अपने ईश्वर से मिले तो उसके पास यह शिकायत ना हो कि उसे सभी कानूनी विकल्पों को आजमाने की इजाजत नहीं मिली। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका के निस्तारण तक मौत की सजा नहीं दी जा सकती।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के पास दोषी की दया याचिका लंबित है, इसलिए 3 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे दोषियों को होने वाली फांसी अगले आदेश तक रोकी जा रही है। कोर्ट के आदेश की कॉपी दोषियों को अनिवार्य सूचना के तौर पर दे दी गई है। पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी।