अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बाहर निकालने की भारत की मांग को ठुकरा दिया है। बीसीसीआई ने आईसीसी से मांग की थी कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को वर्ल्ड कप में भाग न लेने दिया जाए। आईसीसी ने कहा कि ऐसे मामलों में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
आइसीसी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि किसी राष्ट्र को बहिष्कार करने का निर्णय सरकारी स्तर पर लिया जाता है और आइसीसी में ऐसा कोई नियम नहीं है। यह मुद्दा शनिवार को आइसीसी बोर्ड की बैठक के दौरान सामने आया, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन शशांक मनोहर ने की थी, लेकिन इस पर ज्यादा समय तक चर्चा नहीं हुई।
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड को यह सब पता था, लेकिन फिर भी उसने इस मामले को आइसीसी के सामने उठाया। बीसीसीआई के पत्र में पाकिस्तान का कोई विशेष संदर्भ नहीं था, जिसमें भारत द्वारा आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया गया है। इस बैठक में सचिव अमिताभ चौधरी ने बीसीसीआइ का प्रतिनिधित्व किया।
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकवादी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद बीसीसीआई ने आईसीसी को पत्र लिखा था। इस पत्र में ऐसे देशों से संबंध तोड़ने को कहा गया था, जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि बीसीसीआई ने आईसीसी को लिखे पत्र में कहीं भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था।
भारतीय क्रिकेट टीम को आगामी विश्व कप के दौरान 16 जून को पाकिस्तान से भिड़ना है। पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े राजनयिक तनाव के कारण इस मैच के बहिष्कार की मांग की जा रही है। पुलवामा हमले के बाद कुछ लोग वर्ल्ड कप में होने वाले भारत-पाकिस्तान के मैच का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर बीसीसीआई की भी एक बैठक हुई, लेकिन बैठक में पाकिस्तान से मैच खेलने या न खेलने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। बीसीसीआई ने ये फैसला सरकार पर छोड़ा हुआ है।