साल 2021 का आखिरी सूर्यग्रहण चार दिसंबर को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण सुबह 10.59 बजे शुरू होकर दोपहर 03.07 बजे तक रहेगा। करीब चार घंटे के इस ग्रहण को खग्रास सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। इसमें करीब दो मिनट तक सूर्य का सर्वाधिक हिस्सा चांद की छाया से ढका रहेगा।
ये सूर्यग्रहण अफ्रीका महादेश, दक्षिण अमेरिका और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं लगेगा। जहां तक सूतक की टाइमिंग की बात है, यह सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस सूर्यग्रहण के दिन अशुभ ग्रहों की शांति के लिए पूजा की जाएगी।
यह ग्रहण वृश्चिक राशि में होगा। ग्रहण के समय वृश्चिक राशि में सूर्य, केतु, चंद्रमा एवं बुध ग्रह साथ में रहेगा और इस पर राहु की दृष्टि बनी रहेगी। ग्रहण काल में अशुभ ग्रहों की शांति हेतु सनातनी परंपरा रही है। ग्रहण काल में सूर्य के वैदिक मंत्र व आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना उचित माना जाता है।
चार दिसंबर को लगने वाले सूर्यग्रहण के दिन शनि अमावस्या भी है। ज्योतिष की दृष्टि से सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक हीं दिन पड़ना अद्भुत संयोग है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनि देव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है। यदि सूर्य और शनि दोनों ग्रह एक साथ प्रसन्न हो तो लोगों को उत्तम फल मिलता है। ग्रहण के समय जरूरतमंदों और ब्राह्मण को दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
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