<p>असम में निवास कर रहे 41 लाख लोगों की किस्मत आज कोई बड़ा फैसला हो है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स यानि एनआरसी की अंतिम सूची आज सुबह 10 बजे जारी की गई। ऐसे में यहां के लोगों में तनाव का महौल है कई लोगों के लिस्ट में नाम नहीं होने की आशंका में उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है।</p>
<p>वहां की सरकार ने लोगों में भय का माहौल देखते हुए पूरे राज्य में हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि जो लोग अपनी नागरिकता खो देंगे उन्हें डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>एनआरसी सूची क्या है? </strong></span></p>
<p>असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निकालने के लिए सरकार ने एनआरसी अभियान चलाया है। दुनिया के सबसे बड़े अभियानों में गिने जाने वाला यह कार्यक्रम डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट आधार पर है। यानी कि अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहले पहचान की जाएगी फिर उन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा।</p>
<p>बता दें कि असम में करीब 50 लाख बांग्लादेशी गैर-कानूनी तरीके से रह रहे हैं। जिसकी वजह से यहां सामजिक और आर्थिक समस्याएं कई दशकों से बनी हुई है।</p>
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