मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है. तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में लंबित है। राष्ट्रपति की मुहर लगते ही तीन तलाक पर कानून पास हो जाएगा। संसद से बिल पारित होने से पहले 6 महीने तक अध्यादेश से काम चलेगा।
बता दें कि मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में आखिरी दिन जो बिल आया था उसे ही अध्यादेश के ज़रिए कानून बनाने को मंजूरी मिली गई है। पहले भी सरकार तीन तलाक पर अध्यादेश ही लाई थी जिसे लोकसभा से तो पास करवा लिया गया लेकिन राज्यसभा में ये अटक गया।
वहीं, इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की जीत हुई है। महिलाओं ने कट्टरपंथी तबके से टकराते हुए मामले को समाज में लाने काम किया और सुप्रीम कोर्ट तक गईं। कट्टरपंथी समाज के खिलाफ हिंदू और मुस्लिम समाज समेत सभी लोग पीड़ित महिलाओं के साथ हैं। रिजवी ने कहा कि अब हम परिवार में लड़कियों की हिस्सेदारी के लिए भी आगे लड़ाई लड़ेंगे।