यूक्रेन पर रूस के हमले का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां अमेरिका और यूरोपीय देशों ने पहले ही राजनयिकों और नागरिकों को देश से निकलने की सलाह जारी कर दी थी, वहीं अब भारत ने भी युद्ध के गहराते संकट के बीच अपने छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को जारी की गई एडवायजरी में कहा कि यूक्रेन में बढ़ते तनाव के चलते वे भारतीय नागरिक, जिनका रुकना जरूरी न हो और सभी छात्र अस्थायी तौर पर लौटने की तैयारी कर लें।
भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे चार्टर फ्लाइट्स के लिए अपने कॉन्ट्रैक्टर्स से संपर्क करें। इससे पहले भी एडवाइजरी जारी हो चुकी हैं जिसके चलते दूतावास ने भारतीयों को लौटने की बात कही थी। अब तक हजारों की संख्या में भारतीय यूक्रेन में रह रहे हैं जिसमें हजारों की संख्या में छात्र भी हैं।
इस घटना के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की पार्टी के एक प्रवक्ता ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि रूसी अलगाववादियों द्वारा हमले के बाद संघर्ष क्षेत्र का दौरा करने वाले सैन्य अधिकारियों, सांसदों और विदेशी मीडिया का एक समूह आग की चपेट में आ गया और उन्हें एक आश्रय स्थल में ले जाना पड़ा। प्रवक्ता ने कहा कि रूसी अलगाववादी बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहे हैं।
वहीं इसके उलट रूसी अलगाववादी अधिकारियों ने सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर यूक्रेन पर ही आरोप लगा दिया। इस बयान में कहा गया है कि यूक्रेन ने ही पहले अलगाववादी-नियंत्रित क्षेत्रों में गोलाबारी किया इसलिए इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।