ट्विटर पर उमर अब्दुल्लाह और गौतम गंभीर के बीच बहस हो गई। ये बहस शुरु हुई जब गंभीर ने हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर मन्नान बशीर वानी की हत्या के बाद एक ट्वीट किया था.
दरअसल, इसमें उन्होंने उमर अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस और बीजेपी को टैग करते हुए लिखा था कि इन पार्टियों को अपना सिर शर्म से झुका लेना चाहिए कि एक युवा ने किताब को छोड़कर बंदूक उठा ली।
गंभीर के इस ट्वीट के बाद उमर अब्दुल्लाह ने जवाब में कहा कि गंभीर कश्मीर के मैप पर वानी के जिले और घर का पता नहीं लगा पाएंगे, लेकिन वो ऐसा जता रहे हैं जैसे कि उन्हें पता हो कि वानी ने किस कारण आतंक का रास्ता अपना लिया। अब्दुल्लाह ने कहा कि वो कश्मीर के बारे में इतना ही जानते हैं जितना मैं क्रिकेट के बारे में जानता हूं और मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानता हूं।
उमर अब्दुल्लाह के इस जवाब के बाद गंभीर ने कहा कि आप मैप के बारे में बात मत कीजिए। आप तो कश्मीर की बात पाकिस्तान से करके देश का मैप बदलने पर तुले हुए हैं। क्रिकेटर ने कहा कि आप कश्मीर से बाहर आइए और लोगों को बताइए कि आपने और आपके नेताओं ने कश्मीर के युवाओं के लिए क्या किया है।
इसपर उमर अब्दुल्लाह चुप नहीं रहे और उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह के अंदर मैंने अपने दो सहयोगीयों को खोया है जिनकी हत्या आतंकवादियों ने की। 1998 से हमारी पार्टी के छोटे-बड़े लगभग एक हजार लोगों की जानें जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नेशनलिज्म पर लेक्चर नहीं चाहिए और न ही मुझे ऐसे व्यक्ति से त्याग की उम्मीद है जिन्हें इसका अर्थ ही न पता हो।
आखिर में उमर अब्दुल्लाह ने गंभीर को लिखा कि आप कश्मीर के बारे में अध्ययन करने के बाद यहां आइए। फिर आपसे इस मुद्दे पर बहस की जाएगी, तब तक आप खेलिए।