बिजनेसमैन विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से आग्रह किया है कि वो उनका पैसा ले लें और नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को बचा लें। गौरतलब है कि बीते दिन जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था।
एएनआई में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा, "मैं फिर से दोहराना चाहता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों एवं अन्य को भुगतान करने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के समक्ष अपनी लिक्विड परिसंपत्तियों को रख दिया है। बैंक मेरा पैसा क्यों नहीं ले लेते हैं। अगर कुछ नहीं होगा तो कम से कम इससे जेट एयरवेज को बचाने में मदद मिलेगी।
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माल्या ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, "यह देखकर खुश हूं कि सरकारी बैंकों ने नौकरियां, कनेक्टिविटी और एंटरप्राइज को बचाने के लिए जेट एयरवेज को बेल आउट पैकेज दिया है। ऐसी ही इच्छा मुझे किंगफिशर के लिए भी थी।" उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, "मैने कंपनी और कर्मचारियों को बचाने के लिए किंगफिशर एयरलाइन्स में 4000 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसे नहीं देखा गया बजाए इसके इसे हर संभव तरीके से खारिज किया गया। उसी सरकारी बैंक ने भारत की सबसे बेहतरीन एयरलाइन सेवा को कनेक्टिविटी और कर्मचारियों के स्तर पर खत्म होने दिया।
एक बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज में डूबी जेट पर पर बैंकों, सप्लायर्स की देनदारी और पायलट और पट्टे का भुगतान बकाया है। इनमें से अधिकांश ने कंपनी के साथ लीज को समाप्त करना भी शुरू कर दिया है। एसबीआई की अगुवाई में सरकारी बैंकों का समूह कंपनी को दीवालिया प्रक्रिया में भेजे बिना इसे संकट से निकालने की दिशा में काम कर रहा है।