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13 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है विश्व रेडियो दिवस? देखें इतिहास

डेस्क |

संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत 13 फरवरी 1946 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ के दिन ही विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा। हालांकि पहले ये मनाया नहीं जाता था लेकिन साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने के लिए पहली बार प्रस्ताव दिया था। साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की। बाद में साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इसे अपना लिया। फिर उसी साल 13 फरवरी को पहली बार यूनेस्को ने विश्व रेडियो दिवस मनाया।

विश्व रेडियो दिवस 2022 की थीम ‘एवोलूशन – द वर्ल्ड इज ऑलवेज चेंजिंग’ है। यानी विकास के साथ विश्व भी विकसित हो रहा है। यह थीम रेडियो के लचीलेपन और स्थिरता को प्रदर्शित कर रही है। इसका मतलब है कि दुनिया बदलती रहती है, इसलिए रेडियो में भी नवाचार हो रहा है।

बता दें कि संचार के माध्यम के तौर पर रेडियो की भूमिका पर चर्चा होती है और लोगों को इस बाबत जागरूक किया जाता है। रेडियो एक ऐसी सेवा है जो दुनियाभर में सूचना का आदान-प्रदान करता है। आपदा या आपात कालीन स्थिति में रेडियो का महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में विश्व रेडियो दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं को रेडियो की आवश्यकता और महत्व के प्रति जागरूक करना रहता है। सूचना फैलाने के लिए सबसे शक्तिशाली और सस्ते माध्यम के तौर पर रेडियो को जाना जाता है। भले ही रेडियो सदियों पुराना माध्यम हो लेकिन संचार के लिए इसका इस्तेमाल आज भी हो रहा है।