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कच्ची हल्दी का सेवन करने से होते हैं ये फायदे, इस तरह करें इस्तेमाल…

डेस्क |

आज तक आपने सिर्फ सुना होगा कि हल्दी के कई फायदे होते हैं और ये हल्दी खाने के अलावा कई और चीज़ों के लिए भी काम आती है। लेकिन बाजार में जो हल्दी आती है वे पूरी तरह ऑरगेनिक नहीं रहती, लेकिन कच्ची हल्दी के कई फायदे होते हैं। कच्ची हल्दी एक बेहद ही हेल्दी हर्ब है। चोट, घावों, सूजन, इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि को दूर करने में कच्ची हल्दी बेहद फायदेमंद साबित होती है।

कच्ची हल्दी को दूध में उबालकर पीने से सर्दी-जुकाम, खांसी, इंफेक्शन आदि दूर होने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का बेहद ही आसान घरेलू उपाय है। सूखी हल्दी की तुलना में कच्ची हल्दी कई गुणों और फायदों से भरपूर होती है। खासकर, सर्दियों के मौसम में होने वाली शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए कच्ची हल्दी का सेवन जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कच्ची हल्दी के अन्य लाभ क्या-क्या होते हैं..

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए कच्ची हल्दी- कोरोना महामारी के दौरान एक्सपर्ट भी शुरू से कहते आ रहे हैं कि हर किसी को ऐसी चीजों को सेवन जरूर करना चाहिए, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करे। ऐसे में कच्ची हल्दी का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का बेस्ट उपाय है।

कच्ची हल्दी के फायदे केंसर से बचाए- कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व केंसर कोशिकाओं को शरीर में बढ़ने से रोक सकते हैं, क्योंकि इसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं। पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट केंसर के खतरे को कम कर सकती है कच्ची हल्दी। ऐसे में हर किसी को कच्ची हल्दी का सेवन किसी ना किसी रूप में जरूर करना चाहिए। एक बात का ध्यान जरूर रखें कि कच्ची हल्दी के सेवन से सिर्फ कैंसर होने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है, इसका सेवन केंसर का इलाज नहीं है।

डायबिटीज में कच्ची हल्दी के फायदे- कच्ची हल्दी का सेवन डायबिटीज में करना भी लाभदायक हो सकता है। यह इंसुलिन लेवल को कंट्रोल कर सकती है। एक शोध के अनुसार, करक्यूमिन ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कम करने वाला होता है। इंसुलिन लेवल को भी सुधार सकता है। यदि आपको डायबिटीज है, तो कच्ची हल्दी का सेवन कब, कैसे और कितनी मात्रा में करें, इस बारे में एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें।

सर्दी, खांसी, गले में खराश करे दूर कच्ची हल्दी- सर्दियों का मौसम आते ही लोग खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बुखार आदि से परेशान रहने लगते हैं। बेहतर है कि आप सर्दियों के दस्तक देते ही डाइट में कच्ची हल्दी शामिल करना शुरू कर दें। रात में दूध में कच्ची हल्दी उबालकर गर्म पिएं। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस में भी आराम मिल सकता है। यह सूखी खांसी को भी ठीक करने में बेहद कारगर होती है। गले में खराश है, तो इसे पानी में उबालें। इसे छानकर गुनगुना पिएं।

पाचन शक्ति को रखे दुरुस्त- यदि आपको पेट या पाचन संबंधित कोई समस्या रहती है, तो कच्ची हल्दी का सेवन करना सही होगा। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पाचन समस्याओं को ठीक कर सकती है। अपच, गैस, डायरिया आदि से परेशान हैं, तो कच्ची हल्दी को पानी में उबालकर पिएं। करक्यूमिन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण के कारण पाचन संबंधित समस्याएं दूर हो सकती हैं। यदि आपको पेट का अल्सर है, तो करक्यूमिन सूजन, दर्द कम कर सकता है। कच्ची हल्दी के सेवन से अल्सर के कारण नुकसानदायक बेक्टीरिया नहीं पैदा होते हैं।

अर्थराइटिस, ज्वाइंट्स पेन- यदि आपको अर्थराइटिस की समस्या है या जोड़ों में दर्द की समस्या से रहते हैं परेशान, तो कच्ची हल्दी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। एक शोध के अनुसार, हल्दी का सत अर्थराइटिस के लक्षणों जैसे दर्द, सूजन आदि को कम कर सकता है। जिस जगह आपको दर्द या सूजन हो, वहां हल्दी का लेप भी लगा सकते हैं।

कच्ची हल्दी में मौजूद पोषक तत्व

कच्ची हल्दी में सबसे ज्यादा एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल तत्व मौजूद होते हैं। ये तीनों ही तत्व शरीर को कई रोगों से बचाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही कच्ची हल्दी में विटामिन सी, के, पोटैशियम, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस, थियामिन, राइबोफ्लेविन आदि भी मौजूद होते हैं। इन सभी तत्वों की जरूरत शरीर के अंगों को स्वस्थ रहने, सुचारू रूप से कार्य करने के लिए होती है।