हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का शोरगुल खत्म हो चुका है। 337 उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में बन्द हो चुका है। लेकिन अब हिमाचल की आवाम को 18 दिसंबर के दिन का इंतज़ार है जब नई सरकार नए जोश के साथ अपना कार्य शुरू करेगी। लेकिन इसके बीच का 38 दिन का जो लंबा समय है वह नेताओं के खून सूखने वाला है। क्योंकि इन चुनावों में मतदाताओं की खामोशी ने सभी नेताओं की धुकधुकी बड़ा दी है।
इधर ईएवीएम में लगभग तीस लाख मतदाताओं ने अपना फैसला दे दिया है उधर 68 विधायक कौन होंगे इसको लेकर गली मूहल्लो में बहस शुरू हो गई है। मतदाताओं के मतदान के प्रति रुझान को देखते हुए ये तो तय है कि हिमाचल में जिसकी भी सरकार बनेगी पूर्ण बहुमत से ही बनेगी लेकिन सीटों का ये आंकड़ा कहां तक जाएगा ये अनुमान लगाना मुश्किल है।
लेकिन नतीजे इस बार चोंकाने वाले आ सकते है क्योंकि हॉट सीट कही जाने वाली अर्की, सुजानपुर, जोगिन्दरनगर, पालमपुर, शिमला ग्रामीण, द्रग, नगरोटा बगबां, हरोली, धर्मशाला और मंडी सदर में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। इसके अलावा सबसे ज्यादा 82 फीसदी मतदान सिरमौर जिला में हुआ है जहां बीजेप के पास पांच में से तीन सीट है।
दूसरा सबसे कम 69.50 फीसदी मतदान भी हमीरपुर जिला में हुआ है जिसको की बीजेपी का गढ़ माना जाता है। ऐसे में जनता का मूढ़ क्या है इसका पता तो 18 दिसंबर को चलेगा लेकिन इस दौरान जो हर रोज गली कूचों में सरकारें बनेगी वहां माहौल दिलचस्प होगा।